आईआईटी दिल्ली ने ईवी और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों पर प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू किया।

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आईआईटी दिल्ली ने ईवी और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों पर प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) ने आज ईवीएस और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के बुनियादी सिद्धांतों पर प्रमाणपत्र कार्यक्रम के दूसरे बैच के शुभारंभ की घोषणा की

कार्यक्रम को उभरते क्षेत्र की गतिशील और उभरती मांगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आईआईटी दिल्ली के एक बयान में कहा गया है कि इस नए पाठ्यक्रम के लॉन्च का उद्देश्य भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन युग के कारण विशिष्ट और कुशल पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना है

देश के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार का 2022 से 2030 तक 49% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से विस्तार होने का अनुमान है। यह अनुमान है कि 2030 में ईवी की वार्षिक बिक्री एक करोड़ यूनिट से अधिक हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन में वृद्धि होगी। इसमें कहा गया है कि 2030 तक पांच करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां।आईआईटी दिल्ली ने ईवी और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों पर प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू किया।

आईआईटी दिल्ली प्रमाणपत्र कार्यक्रम: पाठ्यक्रम पाठ्यक्रम

मध्य-करियर पेशेवरों के लिए पांच महीने का ऑनलाइन, 55 घंटे का सीखने का कार्यक्रम प्रतिभागियों को तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करेगा। कार्यक्रम नए उत्पादों, प्रक्रियाओं और बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा जो स्थिरता को बढ़ावा देते हैं और पर्यावरण की रक्षा करते हैं।

यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है जो ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, ईवी और मोटर्स की बुनियादी बातों, बैटरी प्रौद्योगिकी, संचार और सुरक्षा, ईवी चार्जर्स की सुरक्षा इत्यादि जैसे मॉड्यूल के माध्यम से अपनी प्रबंधकीय दक्षताओं को बढ़ाना चाहते हैं।

कार्यक्रम इंटरएक्टिव लर्निंग (आईएल) प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया जाएगा और डायरेक्ट-टू-डिवाइस (डी2डी) मोड में वितरित किया जाएगा। उन्हें एक दिवसीय विसर्जन कार्यक्रम के लिए प्रतिष्ठित संस्थान का अनुभव भी मिलता है।