खास रिपोर्ट: गुजरात की सियासत में हलचल: मुस्लिम लीडरशिप की संभावना, वसावा और मजलिस अब साथ में

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यूपी, और बंगाल के बाद अब गुजरात की राजनीति में घुसेगी एआईएमआईएम, आदिवासी और मुस्लिम वोट कांग्रेस का खेल खतम करे ऐसी संभावना
By Abdulhafiz Lakhani. Ahmedabad

गुजरात के मुसलमानों के लिए मुस्लिम लीडरशिप खड़ी करने का मौका मिले ऐसा अब लग रहा है क्योंकि खबरों के अनुसार गुजरात की बीटीपी पार्टी अब हैदराबाद की जानी-मानी पार्टी ए आई एम आई एम के साथ राज्य के स्थानिक चुनाव के लिए गठबंधन करने जा रही है। राज्य के मुसलमान आमतौर पर कांग्रेस को वोट देते आए हैं मगर पिछले कुछ सालों से कांग्रेस की सॉफ्ट हिंदुत्व की नीतियों से गुजरात के मुसलमान बहुत नाराज है मगर गुजरात में तीसरा विकल्प नहीं होने से मुसलमानों को कांग्रेस को वोट देना पड़ता था। गुजरात के बहुत सारे लोग बार-बार हैदराबाद और दिल्ली जाकर ओवैसी को गुजरात में पार्टी लॉन्च करने के लिए समझाते रहे हैं ।

गुजरात सियासत अखबार के कुछ विश्वसनीय सूत्रों का मानना ऐसा है कि अगर गुजरात में ओवैसी की पार्टी और छोटू वसावा की पार्टी स्थानिक चुनाव और 2022 में आने वाली विधानसभा की चुनाव में गठबंधन करते हैं तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि आदिवासी और मुसलमान यह नया गठबंधन को वोट देगे। इससे साफ जाहिर होता है कि यह नया गठबंधन गुजरात में किंग मेकर बन सकता है और मुसलमानों की सियासत की लीडरशिप खड़ी करेगा।”गुजरात सियासत” ने राज्य के ये नए सियासी समीकरण के बारे में असद ओवैसी का संपर्क करने की कोशिश की थी, मगर संपर्क नहीं हो सका।

उत्तरप्रदेश, बिहार और बंगाल के बाद अब गुजरात की राजनीति में हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी कदम रखने जा रही है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने गुजरात में एआईएमआईएम के साथ गठबंधन का निर्णय लिया है।
हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने से ओवैसी गदगद नज़र आ रहे हैं और इसी सोच के साथ गुजरात में भी आने का मौका तलाश रहे है। इस बार छोटू वसावा का साथ मिल सकता है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद और मजलिस के  नेता इम्तियाज जलील के मुताबिक उनकी पार्टी ने गुजरात विधासभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। इसके लिए वो भारतीय ट्राइबल पार्टी  से गठबंधन करेंगे। पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उनको गुजरात की जिम्मेदारी है। जल्द ही वो वहां पर जाकर बीटीपी  नेताओं से बात करेंगे। साथ ही गुजरात चुनाव और गठबंधन को लेकर फैसला लेंगे।
छोटू बसावा ने शनिवार को एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया। गुजरात की राजनीति में अपने नए साथी के रूप में छोटू बसावा ओवैसी को लॉन्च करने जा रहे हैं।
विधायक छोटू बसावा ने कहा कि भारतीय ट्राइबल पार्टी व ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया जाएगा। दोनों पार्टियां स्थानीय स्वराज के चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के गठबंधन के हराने का काम किया जाएगा। छोटू ने कहा कि गुजरात व देश में ईको सेंसेटिव जोन के खिलाफ आदिवासियों को बचाने के लिए बीटीपी की भूमिका रहेगी.
 इसके अलावा उन्होंने ओवैसी को गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए बुलाने की भी बात कही है. गौरतलब है कि पूरे गुजरात सदन में बीटीपी के दो ही विधायक हैं. एक छोटू वसावा और दूसरे उनके बेटे हैं. इसके अलावा बीटीपी के पास राजस्थान में भी दो सीटें हैं. हालांकि, इसपर ओवौसी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वसावा इससे पहले जेडीयू में भी रह चुके हैं.
ओवैसी ने राजस्थान में बीटीपी को समर्थन देने की पेशकश की थी. इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि ओवैसी राजस्थान की सियासत में आने की कोशिश में हैं. ओवैसी ने एक ट्वीट के जरिए बीटीपी को समर्थन पेश किया था. गौरतलब है कि बीटीपी ने हाल ही में अशोक गहलोत  के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
भरुच जिला पंचायत में भी बीटीपी के समर्थन से सरकार चला रही कांग्रेस से उन्होने अपना सर्मथन वापस ले लिया था। इसका असर नर्मदा जिला पंचायत में भी देखने को मिला। यहां भी बीटीपी ने कांग्रेस से सर्मथन वापस ले लिया था। राज्यसभा के चुनाव में भी बसावा ने कई बार पाला बदला था।
बीटीपी के राष्ट्रीय नेता छोटू बसावा के बयान को राजनीति के गलियारे में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गुजरात में काफी दिनों से घुसने का प्रयास कर रहे ओवैसी को अब आदिवासी नेता का साथ मिल गया है। आदिवासी व मुस्लिम मतों को सहेज कर दोनों पार्टी आने वाले समय में क्या गुल खिलाएंगी, यह तो वक्त ही बताएगा, मगर दोनों दलों के गठबंधन की खबर ने प्रदेश की राजनीति में बवंडर लाने का काम जरूर किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी व छोटू भाई के गठबंधन से कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। इसका पूरा फायदा भाजपा को मिलेगा। भाजपा की बी टीम के रूप में काम करने का आरोप दोनो दलों पर पहले ही लग चुका है।
छोटू बसावा को राजनीति का उस्ताद माना जाता रहा है। छोटू पहले जेडीयू में शामिल थे व इसी पार्टी से प्रदेश के इकलौते विधायक भी बनकर आते रहे। जेडीयू में टूट फूट से कुछ समय पहले ही उन्होंने अपने बड़े पुत्र व वर्तमान में बीटीपी से देडियापाड़ा के विधायक महेश बसावा की अगुवाई में नई पार्टी भारतीय ट्राईबल पार्टी का गठन किया था।
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