दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पाइसजेट को 3 इंजन ग्राउंड करने का आदेश बरकरार रखा
अदालत का निर्णय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण आदेश को बरकरार रखा, जिसमें बजट एयरलाइन स्पाइसजेट को तीन इंजन ग्राउंड करने का निर्देश दिया गया था। यह आदेश विशेष रूप से फ्रांसीसी इंजन लीजर्स के साथ भुगतान में चूक के चलते जारी किया गया था।
आदेश की पृष्ठभूमि
जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस अमित बंसल की डिवीजन बेंच ने एकल-न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। एकल-न्यायाधीश ने 14 अगस्त को आदेश दिया था कि स्पाइसजेट को दो फ्रांसीसी लीजर्स से लीज पर लिए गए तीन इंजन 16 अगस्त तक ग्राउंड करके वापस लौटाने होंगे। यह आदेश उन परिस्थितियों में आया जब एयरलाइन ने लीज पर इंजन लेने के बावजूद उन्हें भुगतान नहीं किया था।
न्यायालय की टिप्पणी
न्यायालय ने टीम फ्रांस 01 एसएएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएएस की याचिका पर यह आदेश जारी किया, जिसमें दावा किया गया था कि स्पाइसजेट पर कई मिलियन डॉलर का बकाया है। कोर्ट ने माना कि स्पाइसजेट एक डिफॉल्टर है और उसके पास इंजन का उपयोग जारी रखने का कोई कानूनी या अनुबंधीय अधिकार नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि स्पाइसजेट की ओर से इंजन वापसी में देरी का कोई औचित्य नहीं है।
वकीलों का प्रतिनिधित्व
स्पाइसजेट का प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट अमित सिबल ने किया, जिनके साथ वकील के. ससिप्रभु, कार्तिकेय आस्थाना, संजीवी सेशादरी, माणन शिशोदिया, दर्पण सचदेवा और अंकित हांडा थे।
वहीं, टीम फ्रांस 01 एसएएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएएस की ओर से सीनियर एडवोकेट राज शेखर राव ने प्रतिनिधित्व किया, जिनके साथ वकील आनंद वेंकटारमणि, साकेत सतपथी, अनुभव दत्ता, मानसी त्यागी, अक्षिता टोटला, ऋषित वमलाल, विषखा गुप्ता, देवव्रत सिंह और जे शिवम कुमार थे।
इस निर्णय ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी डिफॉल्ट या अनुबंध उल्लंघन की स्थिति में कानूनी कार्रवाई कितनी सख्त हो सकती है।