अल्पसंख्यक समुदाय में भाजपा की वैचारिक स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए जल्द ही कई योजनाएं चलाएगा
लखनऊ सियासत डॉट नेट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस ने मोदी की इमेज मुसलमान विरोधी बनाने की रणनीति हमेशा अपनाई। इससे मुसलमान वोटर एकजुट हो गए और 70% से ज्यादा मुसलमानों ने तृणमूल कांग्रेस को वोट देकर बंगाल चुनाव नतीजों को एकतरफा कर दिया।
पश्चिम बंगाल के बाद उत्तरप्रदेश में भी मुसलमान आबादी काफी है और करीब 75 सीटों पर वे चुनावी नतीजों पर असर डाल सकते हैं। UP में भी मोदी को चेहरा बनाने पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस फिर से मुसलमानों को एकजुट करने में कामयाब हो सकती हैं।
ये स्थिति में भारतीय जनता पार्टी अब मुस्लिमों का ‘दिल जीतने की कोशिश’ करेगी। इसके लिए पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा विशेष रणनीति बना रहा है। इसके तहत वह उत्तर प्रदेश सहित सभी चुनावी राज्यों में मुस्लिम समुदाय के लोगों के घर-घर तक पहुंचकर उन्हें केंद्र और यूपी सरकार की उन योजनाओं की जानकारी देगी। यह भी बताया जाएगा कि भाजपा को आज के शिखर तक पहुंचाने में उनके (मुस्लिम) समाज के नेताओं का कितना बड़ा योगदान रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि अल्पसंख्यक समुदाय से भाजपा की वैचारिक दूरी को पाटा जा सके। लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा सीट पर मुस्लिम समुदाय के कम से कम पांच हजार वोट हासिल किए जाएं, ताकि पार्टी की जीत सुनिश्चित हो।
अल्पसंख्यक मोर्चा अब तक लगभग 20 राज्यों में टीम बना चुका है। भाजपा संगठन की दृष्टि से पूरे देश में 1200 से ज्यादा जिले हैं। इन सभी जिलों के अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। इनके नीचे तहसील स्तर पर पांच-पांच कार्यकर्ता बनाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों में इन कार्यकर्ताओं के ऊपर 25-25 अल्पसंख्यक घरों तक पहुंचकर उन्हें अपने साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा जाएगा। अनुमान है कि अगर एक परिवार में चार वोटर भी हैं तो एक तहसील से पांच सौ और एक विधानसभा क्षेत्र से पांच हजार अल्पसंख्यक वोटरों को जोड़ा जा सकेगा।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि पार्टी की स्थापना से लेकर आज तक पार्टी के हर बड़े फैसले में मुस्लिम नेताओं का प्रतिनिधित्व रहा है। सिकंदर बख्त से लेकर आज मुख्तार अब्बास नकवी-शाहनवाज हुसैन तक पार्टी के सभी महत्वपूर्ण निर्णयों के साक्षी रहे हैं।
जमाल सिद्दीकी ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के बीच भाजपा की जो विशेष छवि बना दी गई है, उसे तोड़ना है। जनता को बताना है कि किस प्रकार नई सरकार ने उनके लिए काम किया है। हमें उम्मीद है अगर सही तरीके से चीजों को पेश किया जाएगा तो वैचारिक बदलाव आएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय में कुछ संदेह है। इसे कैसे दूर करेंगे? अमर उजाला के इस सवाल पर जमाल सिद्दीकी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार का एक भी काम किसी समुदाय के विरुद्ध नहीं रहा है। उन्होंने केवल गुंडे-बदमाशों पर कठोर कार्रवाई की है और ऐसा करते हुए उन्होंने समुदाय के नाम पर भेद नहीं किया है। बदमाश किसी भी समुदाय का रहा है, योगी आदित्यनाथ ने उन सबके साथ कठोरता बरती है।
अगर उनके भगवा वस्त्र से किसी को परेशानी है तो मुस्लिमों को समझना चाहिए कि अजमेर शरीफ में इसी रंग की चादर सबसे ज्यादा चढ़ती है। ऐसे में उन्हें तो इसका शुक्रगुजार होना चाहिए कि सत्ता पर एक ऐसा व्यक्ति बैठा है जो हमेशा अपने साथ उसी रंग को रखता है जो ख्वाजा को सबसे ज्यादा पसंद रहा है।
जमाल सिद्दीकी ने कहा कि हम बहुसंख्यक समुदाय के भीतर भी अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर जो गलतफहमी है, उसे दूर करने की कोशिश करेंगे। जिससे समाज के दोनों बड़े धड़े मिलकर राष्ट्र निर्माण में सहायता दे सकें।
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