अभ्यर्थियों की चिंता
अभ्यर्थियों का मानना है कि पीसीएस-2022 में 6,02,974 उम्मीदवार थे और प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में हुई थी, जबकि पीसीएस-2024 में सिर्फ 576,154 अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। ऐसे में परीक्षा दो दिन कराने की आवश्यकता क्या है?
परीक्षा तिथियाँ
पीसीएस-2024 की प्रारंभिक परीक्षा 27 अक्तूबर को प्रस्तावित है, लेकिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पर्याप्त परीक्षा केंद्रों की कमी के कारण इसे 26 और 27 अक्तूबर को आयोजित करने की योजना बना रहा है।
अभ्यर्थियों का विरोध
अभ्यर्थियों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि दो दिन परीक्षा कराने से मानकीकरण पर असर पड़ेगा, जिससे परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।
ज्ञापन प्रेषण
सोमवार को, अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा और आयोग में अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। उन्होंने पूछा कि जब नई गाइडलाइन में एक दिन में परीक्षा कराने की अनुमति है, तो आयोग ऐसा क्यों नहीं कर पा रहा है?
परीक्षा केंद्रों की समस्या
आयोग के सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को बताया था कि पर्याप्त केंद्रों की व्यवस्था न होने के कारण पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन कराने का विकल्प रखा गया है। यदि 27 अक्तूबर के लिए निर्धारित केंद्रों में कमी होती है, तो 26 अक्तूबर को भी वहीं परीक्षा होगी।
मानकीकरण की चुनौतियाँ
अभ्यर्थियों का कहना है कि दो दिन परीक्षा होने से समान मूल्यांकन नहीं हो सकेगा। पीसीएस-2024 के विज्ञापन में मानकीकरण का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे परीक्षा परिणामों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यह विषय पहले भी विभिन्न आयोगों में विवाद का कारण बन चुका है।