NRC लिस्ट में नाम नहीं आने पर किसी को भी विदेशी घोषित नहीं किया जायेगा
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन NRC को लेकर ग्रहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बैठक बुलाई जिसमे असम के सीएम सोनोवाल भी मौजूद थे चर्चा के दौरान यह फैसला लिया गया कि अब उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश के अनुसार असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन की फाइनल लिस्ट 31 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी और जिन लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं है। उसका यह मतलब नहीं की वो विदेशी हो गया।
बता दें कि पहले अपील दायर करने की अवधि 60 दिन थी जिसको लोगों की सहुलियत के लिए बढ़ा कर 120 दिन कर दिया है। इस बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने एक बयान में कहा है कि एनआरसी में नाम न आने वालों को मौका प्रदान किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि केंद्र कानून द्वारा अगर किसी का नाम गलत हो जाये तो उसके सुधारात्मक उपायों पर भी वह विचार कर सकता है।
वही गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि फॉरेनर्स एक्ट 1946 और फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ऑर्डर 1964 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार केवल फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के पास ही है। ऐसे में अगर किसी का नाम लिस्ट में शामिल नहीं होता है तो इसका यह मतलब नहीं है कि वह विदेशी घोषित हो जाएगा। सरकार ने यह फैसला लिया है कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जिन लोगों का नाम शामिल नहीं है वे फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में 120 दिन के भीतर अपील दायर कर सकेंगे।
इसी के साथ मंत्रालय ने इस बात का भरोसा दिलाते हुए कहा है कि लिस्ट में न शामिल होने वाले लोग ट्रिब्यूनल में जाकर अपील कर सकते हैं और इसके लिए सरकार पर्याप्त मात्रा में जगह-जगह ट्रिब्यूनल बनवा रही है और यह ट्रिब्यूनल लोगों की सुविधा के मुताबिक़ है बनवाये जायेंगे।