तीन तलाक बिल बना कानून, 19 सितंबर 2018 से लागू राष्ट्रपति ने दी मंजूरी ,बाकी 9 विधेयक भी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएंगे।
siyasat.net राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq bill) को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के साथ की तीन तलाक कानून अस्तित्व में आ गया है. यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को तीन तलाक (मुस्लिम महिला-विवाह अधिकार संरक्षण) बिल पर हस्ताक्षर कर दिए। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार-2 के पहले संसदीय सत्र में अब तक 10 विधेयक पास हो गए। 17वीं लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद यह सभी विधेयक कोविंद के पास भेजे गए हैं। तीन तलाक बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है। बाकी 9 विधेयक भी राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएंगे।
तीन तलाक कानून के तहत अब तीन तलाक देने के दोषी पुरुष को 3 साल की सजा सुनाई जा सकेगी। पीड़ित महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे-भत्ते की मांग कर सकेंगी। दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा गया था इसेनई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq bill) को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के साथ की तीन तलाक कानून अस्तित्व में आ गया है. यह कानून 19 सितंबर 2018 से लागू माना जाएगा. बता दें कितीन तलाक बिल (Triple Talaq bill) संसद के दोनों सदनों से पहले ही पास हो चुका है. मोदी सरकार ने इस बिल को 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में पास करवाया था. बिल के कानून बनने के बाद 19 सितंबर 2018 के बाद जितने भी मामले में तीन तलाक से संबंधित आए हैं, उन सभी का निपटारा इसी कानून के तहत किया जाएगा.
बता दें कि राज्यसभा में बिल के समर्थन में 99, जबकि विरोध में 84 वोट पड़े थे. इससे पहले विपक्ष की बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग भी सदन में गिर गई थी. वोटिंग के दौरान बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने के पक्ष में 84, जबकि विरोध में 100 वोट पड़े थे. राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास होने के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया था.
बिल पास होने के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने ट्वीट कर सभी सांसदों का आभार जताया था. पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, ‘पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है. आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है. सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है. इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं.
उन्होंने अपने अलगे ट्वीट में लिखा था, तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है. तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया. मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है.
राज्यसभा से पास हुआ तीन तलाक बिल, समर्थन में 99, विरोध में 84 वोट पड़े
तीन तलाक बिल में क्या हैं प्रावधान:तुरंत तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर कानूनी बनाना
तुरंत तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ़्तार कर सकती है
तीन साल तक की सजा का प्रावधान है
यह संज्ञेय तभी होगा जब या तो खुद महिला शिकायत करे या फिर उसका कोई सगा-संबंधी
मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है. जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा
पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है
पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है
इसकी रकम मजिस्ट्रेट तय करेगा
पीड़ित महिला नाबालिग बच्चों को अपने पास रख सकती है. इसके बारे में मजिस्ट्रेट तय करेगा
10 विधेयक, जो दोनों सदनों में पास हुए
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019
भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2019
कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019
अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध विधेयक, 2019
जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक
आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019
नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र बिल, 2019
होम्योपेथी केंद्र परिषद (संशोधन) विधेयक, 2019
विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) विधेयक, 2019
केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षकों के संवर्ग में आरक्षण) विधेयक, 2019