ओवैसी की पार्टी ने यूपी में लोकसभा चुनाव लड़ने को कसी कमर

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मिशन 2019: क्या असदउद्दीन ओवैसी यूपी से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?
 हैदरबाद                     siyasat.net news desk

सांसद असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन की यूपी इकाई ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली है। रविवार को यहां प्रदेश कार्यालय पर हुई बैठक में इस बाबत सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया। यह प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष ओवैसी के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। प्रस्ताव में ओवैसी को भी यूपी की किसी एक लोकसभा सीट से मैदान में उतारे जाने की मंशा भी जताई गई है।

ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन अध्यक्ष और हैदरबाद से वर्तमान में सांसद  असदउद्दीन ओवैसी यूपी  की किसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी की प्रदेश इकाई इस बाबत एक प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजने जा रही है।


उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ने और सपा-बसपा गठबंधन से मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर पड़ने वाले प्रभाव आदि मुद्दों को लेकर एआईएमआईएम की यूपी इकाई की बैठक रविवार को यहां आदिल नगर स्थित प्रदेश कार्यालय पर बुलाई गई है। प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद शौकत के अनुसार, बैठक में पार्टी के सभी प्रदेश पदाधिकारी और जिला इकाइयों के प्रतिनिधि बुलाए गए हैं।

बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल और निषाद पार्टी से ज्यादा मजबूत स्थिति में होने के बावजूद एमआईएआईएम को सपा-बसपा के गठबंधन में शामिल करने की जरूरत नहीं समझी गयी, यह मुस्लिम लीडरिशप का वजूद खत्म करने की साजिश है जो कामयाब नहीं होने वाली। शौकत अली ने कहा कि सपा-बसपा ने केवल मुसलमानों का वोट और सपोर्ट हासिल किया, मगर मुसलमानों के बीच नेतृत्व नहीं पनपने दिया।

उन्होंने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन दरअसल दोनों ही पार्टियों का वजूद बचाने की एक नाकाम कोशिश है। यह गठबंधन सीबीआई से बचने की एक कोशिश भी है, मगर यह गठबंधन मुस्लिम सियासी पार्टियों के बगैर अधूरा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की मंजूरी मिली तो पार्टी प्रदेश की लोकसभा सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी।

 

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस और भाजपा पर देश की विविधता को प्रतिबिंबित नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में क्षेत्रीय दलों की गैर-कांग्रेस, गैर-भाजपा सरकार सत्ता में आनी चाहिए। ओवैसी ने कहा कि भारत की राजनीति दो ध्रुवीय नहीं हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि देश की विविधता भाजपा और कांग्रेस द्वारा प्रतिबिंबित नहीं हो रही है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस देश में एक गैर-कांग्रेस, गैर-भाजपा सरकार की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा शासन चलाने, संघवाद और उनके वादे के हर पहलू को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। ओवैसी ने कहा, ‘इसलिए, निश्चित रूप से चुनाव परिणाम आने के बाद, मेरा मानना है कि हमारे इस महान राष्ट्र का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, यह तय करने में क्षेत्रीय दल एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’