इंटरजेनरेशनल मोबिलिटी इंडेक्स के अनुसार भारत के मुसलमानों की हालत बदतर से बदतर होती जा रही है। हालांकि इस दौरान SC/ST का सामाजिक विकास देखने को मिला है।
वर्ल्ड बैंक के सैम एशर, डार्टमाउथ कॉलेज के पॉल नोवोसेड और मेसाच्युसेट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के चार्ली राफकिन द्वारा तैयार इस रिपोर्ट मे बताया गया कि भारत में आर्थिक उदारीकरण आने के बाद भी लोगों के सामाजिक स्तर में थोड़ा-बहुत ही बदलाव देखने को मिला है। इस बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा एससी-एसटी वर्ग को मिला है।
रिपोर्ट में पता चला है कि भारत के मुस्लिम समुदाय की तुलना में अमेरिका के अफ्रीकी समुदाय में गतिशीलता का स्तर काफी बेहतर है। हालांकि भारत के एससी एसटी समुदाय की गतिशीलता अमेरिका के अफ्रीकी समुदाय की गतिशीलता के समान पायी गई है। रिपोर्ट में दक्षिण भारत के शहरी विकास और वहां की शिक्षा के स्तर को काफी बेहतर बताया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी इलाकों में ग्रामीण इलाकों के मुकाबले ज्यादा गतिशीलता देखी गई है। उदाहरण के तौर पर शहरी इलाकों और ग्रामीण इलाकों में अगली जातियों के हिंदू और एससी एसटी में पीढ़ी दर पीढ़ी आयी गतिशीलता समान है। वहीं मुस्लिमों में शिक्षा के स्तर पर काफी बुरे हालात हैं।
बता दे कि इस रिपोर्ट को 5600 ग्रामीण और उप-जिलों के साथ ही 2300 शहरों और कस्बों में सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है। जो सरकार के दावों की पोल खोलती है।