हैदराबाद : siyasat.net
लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहें हैं और देशभर में राजनीतिक पार्टियों के नेता चुनाव प्रचार अभियान में जुटे है। रैलियों से लेकर रोड शो तक दमखम दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। एक तरफ एनडीए और यूपीए के बीच केंद्र की सत्ता को लेकर सियासी जंग चल रही है तो दूसरी तरफ एक राजनीतिक खेमा ऐसा भी तीसरे मोर्चे के सत्ता में आने का दावा कर रहा है। तीसरे मोर्चे की हिमायत करने वालों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं।
एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने केसीआर का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तावित कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई मुझसे पूछेगा तो मैं केसीआर का नाम प्रस्तावित करूंगा क्योंकि वह राहुल गांधी और मोदी से बेहतर उम्मीदवार हैं।
साथ ही ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली बहस की चुनौती भी दी है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जल्द ही पूर्व प्रधानमंत्री बन जाएंगे और केसीआर उनकी जगह प्रधानमंत्री बनेंगे। पीएम मोदी हैदराबाद में आज चुनावी रैली को संबोधित करने वाले हैं। मजेदार बात यह है कि भाजपा ने हैदराबाद से अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।
इससे पहले, केसीआर ने कहा था कि क्षेत्रीय दलों का गठबंधन आगामी लोकसभा चुनावों के बाद केंद्र में सरकार बनाएगा। राव ने कहा, अगर जरूरी हुआ तो मैं राष्ट्रीय राजनीति शुरू करूंगा। स्वास्थ्य, कानूनी, प्रशासनिक मामलों के साथ ही संविधान में बदलाव की जरूरत है।
टीआरएस प्रमुख ने कहा कि आपके आशीर्वाद से मैं राष्ट्रीय राजनीति में भूचाल लाऊंगा। राव केंद्र में गैर कांग्रेस, गैर भाजपा संघीय मोर्चा की हिमायत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर के पोते और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और अन्य के साथ इस संबंध में चर्चा हुई है।
गौरतलब है कि थर्ड फ्रंट को मूर्त रूप देने के लिए केसीआर पहले भी प्रयास कर चुके हैं। केसीआर ने कोलकाता जाकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से थर्ड फ्रंट बनाने की संभावना को लेकर चर्चा की थी। इसके बाद से ही दोनों नेताओं ने गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी फ्रंट की बात पर जोर दिया था। उस दौरान ममता बनर्जी ने दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, डीएमके की नेता कनिमोझी सहित कई अन्य नेताओं से चर्चा की थी।